SBI, PNB, BOB खाताधारकों के लिए बड़ी खबर! 2025 में बदल गए बैंकिंग के नियम, जानिए नया नियम – Bank Rule

Bank Rule: अगर आपका खाता एसबीआई, पीएनबी या बैंक ऑफ बड़ौदा में है, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। 2025 की शुरुआत के साथ ही इन तीनों सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों के लिए कुछ अहम बदलाव किए हैं। ये बदलाव फिक्स्ड डिपॉजिट, बचत खाते, केवाईसी अपडेट, डिजिटल बैंकिंग और पर्सनल लोन से जुड़े हैं। अगर आप इन नियमों को नहीं समझेंगे, तो हो सकता है कि आगे चलकर आपका खाता ब्लॉक हो जाए या आप किसी जरूरी फायदे से वंचित रह जाएं।

इन नए नियमों का मकसद है बैंकिंग को और ज्यादा सुरक्षित, तेज़ और आसान बनाना। सरकार और RBI की गाइडलाइन के तहत बैंक अब डिजिटल सुविधा को बढ़ावा दे रहे हैं और साथ ही ग्राहकों की पहचान (KYC) को अपडेट रखना अनिवार्य कर रहे हैं। तो चलिए दोस्तों, इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि इन बैंकों ने क्या-क्या बदलाव किए हैं और इसका आपके ऊपर क्या असर पड़ेगा।

अब ज्यादा ब्याज और नए FD विकल्प

2025 में इन तीनों बैंकों ने खास डिपॉजिट स्कीम लॉन्च की हैं, जिसमें पहले से ज्यादा ब्याज दिया जा रहा है। जैसे SBI ने लाखपति RD और पैट्रन्स FD स्कीम शुरू की है, जिसमें ब्याज दर 6.75% से 7.6% तक मिल रही है। वहीं PNB ने 303 दिन और 506 दिन की FD स्कीम शुरू की है, जिसमें सीनियर सिटिजन्स को ज़्यादा ब्याज का फायदा मिलेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा ने ‘लिक्विड FD’ लॉन्च की है जिसमें ब्याज तो अच्छा मिल ही रहा है, साथ में आंशिक निकासी की सुविधा भी दी जा रही है।

KYC अपडेट ज़रूरी वरना खाता होगा बंद

PNB ने साफ कर दिया है कि जिन खाताधारकों ने अब तक अपना KYC अपडेट नहीं किया है, उन्हें 23 जनवरी 2025 से पहले इसे पूरा करना होगा। अगर कोई समय पर यह प्रक्रिया पूरी नहीं करता, तो उसका खाता अस्थायी रूप से बंद हो सकता है। KYC अपडेट करने से आपका खाता सुरक्षित रहता है और धोखाधड़ी से बचाव होता है।

KYC अपडेट करने के लिए आप नजदीकी PNB ब्रांच में जा सकते हैं। इसके अलावा आप PNB ONE ऐप या इंटरनेट बैंकिंग से भी KYC अपडेट कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो डॉक्यूमेंट्स को पोस्ट या ईमेल से भी भेज सकते हैं।

बचत खाता अब बिना मिनिमम बैलेंस के भी चलेगा

SBI बैंक ने अपने खाताधारकों को बड़ी राहत दे दी है। अब उनको अपने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने की कोई जरूरत नहीं है। यानी की अगर आपके खाते में कम पैसे भी हैं तो भी बैंक उस रकम पर 2.70% या उससे ज्यादा ब्याज देगा। पहले मिनिमम बैलेंस न रखने पर खाताधारक को जुर्माना देना पड़ता था, लेकिन अब यह झंझट खत्म हो गया है।

डिजिटल बैंकिंग को और ज्यादा स्मार्ट बनाया गया

इन तीनों बैंकों ने अपनी डिजिटल सर्विस को पहले से अधिक बेहतर किया है। अब आप अपने घर बैठे सिर्फ मोबाइल ऐप से बड़ी रकम का लेन-देन भी कर सकते हैं। अब तो SBI ने IMPS ट्रांजैक्शन लिमिट को बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया है। तथा UPI पेमेंट की लिमिट भी ₹1.5 लाख तक कर दिया है। BOB ने भी आंशिक निकासी की सुविधा मोबाइल बैंकिंग में भी शुरू दिया है।

डिजिटल बैंकिंग को आसान और तेज़ बनाने के पीछे मकसद यही है कि लोग ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन ही कर लें और इस तरह से उनको ब्रांच जाने की जरूरत भी न पड़े।

पर्सनल लोन लेना अब थोड़ा मुश्किल हुआ

SBI ने पर्सनल लोन की स्क्रूटनी अब और सख्त कर दी है। बैंक अब हर आवेदन को पहले से ज्यादा गहराई से जांचेगा। इसका मकसद है कि डिफॉल्ट की संभावना कम हो और सिर्फ उन्हीं लोगों को लोन मिले जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी हो। अगर आप भविष्य में पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं, तो अभी से अपने सिबिल स्कोर और बैंकिंग व्यवहार को ठीक रखना जरूरी है।

अब आपको क्या करना चाहिए?

अगर आपका खाता इन बैंकों में है, तो सबसे पहले अपना KYC स्टेटस चेक करें और समय रहते अपडेट करें। इसके अलावा आप अपने फिक्स्ड डिपॉजिट ऑप्शन पर दोबारा नजर डालें और ज्यादा ब्याज वाली स्कीम को चुनें। मोबाइल ऐप को अपडेट रखें ताकि आपको डिजिटल बैंकिंग के सभी नए फीचर्स मिलते रहें। और अगर आपने पहले से पर्सनल लोन लिया है, तो उसकी EMI टाइम पर भरते रहें ताकि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री सही बनी रहे।

Disclaimer: यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों से जानकारी की पुष्टि करें।

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