हर साल स्कूल खुलते ही बच्चों के माता-पिता के लिए किताबों, ड्रेस और फीस को लेकर टेंशन शुरू हो जाती है। कहीं स्कूल नई ड्रेस खरीदने को मजबूर करता है, तो कहीं खास दुकान से महंगी किताबें लेने का दबाव बनाया जाता है। लेकिन अब ये सब नहीं चलेगा। हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। अब न स्कूल मनचाही किताबें बेच सकेंगे, न बार-बार ड्रेस बदल सकेंगे, और न ही किसी खास दुकान से सामान खरीदने को मजबूर कर पाएंगे।
तो चलिए दोस्तों, इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि सरकार ने स्कूलों के खिलाफ कौन-कौन से सख्त फैसले लिए हैं, और माता-पिता अब कहां और कैसे शिकायत कर सकते हैं।
अब 5 साल तक नहीं बदलेगी स्कूल ड्रेस
हरियाणा सरकार ने साफ कहा है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल अब 5 साल तक ड्रेस नहीं बदल सकेगा। यानी अब हर साल बच्चों को नई ड्रेस खरीदने की टेंशन नहीं होगी। इसके अलावा स्कूल अब बच्चों को ड्रेस, जूते या स्टेशनरी किसी खास दुकान से खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।
किताबें भी अब केवल NCERT या CBSE की मान्यता प्राप्त होंगी
अब स्कूल सिर्फ NCERT या CBSE द्वारा मान्यता प्राप्त किताबें ही सिलेबस में शामिल कर सकेंगे। हर साल कुछ पेज बदलकर नई किताबें खरीदने का जो खेल चलता था, उस पर भी अब रोक लग गई है। छात्रों को पुरानी किताबों का इस्तेमाल करने से रोका नहीं जा सकेगा।
फीस की जानकारी अब पहले से देनी होगी
हर प्राइवेट स्कूल को अब नया सत्र शुरू होने से 150 दिन पहले फीस की पूरी जानकारी पोर्टल पर डालनी होगी। साथ ही स्कूलों को पिछले तीन साल की आय-व्यय रिपोर्ट भी शिक्षा विभाग को देनी होगी। बिना जानकारी दिए कोई भी फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी।
नकद में नहीं ली जा सकेगी फीस
अब कोई भी स्कूल फीस के रूप में नकद पैसे नहीं ले सकेगा। स्कूल को बैंक अकाउंट की जानकारी पालकों को देनी होगी, और वहीं फीस जमा करनी होगी। इसके अलावा एक बार में एक तिमाही से ज्यादा की फीस वसूलना भी अब नियमों के खिलाफ होगा।
स्कूल बैग का वजन तय, बच्चों को भारी बोझ नहीं उठाना होगा
बच्चों की सेहत को देखते हुए सरकार ने स्कूल बैग के वजन को लेकर भी निर्देश दिए हैं। पहली-दूसरी क्लास के बच्चों के बैग का वजन 1.5 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसी तरह तीसरी से पांचवी तक 2-3 किलो, छठी-सातवीं के लिए 4 किलो, आठवीं-नौवीं के लिए 4.5 किलो और दसवीं के लिए 5 किलो तय किया गया है।
साफ पानी और बोतल की ज़बरदस्ती नहीं
अब स्कूल बच्चों को यह नहीं कह सकते कि वे सिर्फ अपनी पानी की बोतल से ही पानी पिएं। हर स्कूल को शुद्ध पेयजल का इंतज़ाम करना होगा। अगर कोई स्कूल ऐसा नहीं करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत कहां और कैसे करें?
अगर कोई भी स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो अभिभावक सीधे शिकायत कर सकते हैं। हरियाणा सरकार ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर और ई-मेल जारी किया है।
फोन नंबर: 0172-5049801
ई-मेल: dseps13@gmail.com
इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी “निजी विद्यालय फीस अधिनियम” के तहत ऐसे ही सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं। 26 जून को इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है और 25 जुलाई तक लोग अपनी आपत्तियां भेज सकते हैं।
FAQ on New Rule for School
1. क्या अब हर साल स्कूल ड्रेस बदलनी पड़ेगी?
नहीं, हरियाणा सरकार के नए नियमों के अनुसार कोई भी प्राइवेट स्कूल 5 साल तक ड्रेस नहीं बदल सकता।
2. क्या स्कूल किताबें किसी भी पब्लिशर की बेच सकते हैं?
नहीं, अब केवल NCERT या CBSE द्वारा मान्यता प्राप्त किताबें ही स्कूलों में चलेंगी।
3. क्या स्कूल किसी खास दुकान से सामान खरीदने को कह सकते हैं?
नहीं, स्कूल अब अभिभावकों को किसी एक दुकान से ड्रेस, जूते या स्टेशनरी खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।
4. फीस कब और कैसे देनी होगी?
स्कूल को सत्र शुरू होने से 150 दिन पहले फीस की जानकारी देनी होगी। नकद में फीस नहीं ली जाएगी, और एक तिमाही से ज़्यादा की फीस एक बार में नहीं वसूली जा सकती।
5. अगर स्कूल नियम तोड़े तो शिकायत कैसे करें?
आप इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं: 0172-5049801
या ई-मेल भेज सकते हैं: dseps13@gmail.com